कोरोना के नाम से लोग दहशत में आ जा रहे हैं। ऐसे में दारागंज बक्शी खुर्द के मूल निवासी एवं वर्तमान में ग्वालियर में एक अमेरिकन टायर कंपनी में काम कर रहे अभिषेक मिश्र ने संयमित जीवनशैली और खुद पर भरोसा रखकर कोरोना से जिंदगी की जंग जीतने में सफलता हासिल की है।वह 12 से 14 मार्च तक छतरपुर में टूर पर थे। इस दौरान खजुराहो के होटल के जिस कमरे में वह रुके थे, वहां उनसे पहले एक विदेशी रुका था। वहीं से उन्हें कोरोना का संक्रमण हो गया।
अपने घर लौटने पर 13 व 14 मार्च को गले में खराश महसूस हुई। 15 से सिरदर्द शुरू हो गया और 17 मार्च से सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद वह जिला अस्पताल गए तो डॉक्टर ने बिना जांच किए सामान्य बीमारी समझते हुए तीन दिन की दवा देकर घर भेज दिया।
लेकिन दवा खाने के बावजूद कोई आराम नहीं हुआ और सांस लेने में समस्या बनी रही। इसके बाद वह फिर अस्पताल पहुंचे और कोरोना जांच के लिए कहा। लेकिन डॉक्टर उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे थे। दिखाने के दौरान ही उन्हें सांस लेने में समस्या बढ़ गई। जिस पर डॉक्टरों ने 21 मार्च को सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा।
साथ ही उन्हें और उनकी पत्नी को क्वांरटीन कर दिया गया। 24 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो इलाज शुरू हुआ। 24 मार्च को ही बाबा रामदेव ने उन्हें फोन करके अनुलोम-विलोम और कपालभांति का अभ्यास करने को कहा क्योंकि यह बीमारी श्वसनतंत्र से ही जुड़ी है और अनुलोम-विलोम और कपालभांति से श्वसन तंत्र मजबूत होता है।
साथ ही संयमित दिनचर्या जैसे समय से सोना, उठना, खाना, योग-व्यायाम आदि का पालन करते रहे। खुद को कभी निराश नहीं होने दिया और मन में विश्वास बनाए रखा कि ठीक हो जाऊंगा। 28 को सैम्पल लिया गया लेकिन किन्हीं कारणों से उसकी जांच नहीं हो सकी। इसके बाद 3 अप्रैल को फिर से सैम्पल लिया गया जिसकी रिपोर्ट 5 अप्रैल को निगेटिव आई।
पत्नी की रिपोर्ट पहले ही नेगेटिव आ चुकी थी। रविवार शाम घर पहुंचे और रात 9 बजे दीया जलाकर इस लड़ाई में अपने योगदान का संकल्प लिया।
सावधानी बरतें तो नहीं फैलेगा वायरस
अभिषेक ने कहा कि सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। मेरी सावधानी से किसी को नहीं फैला लेकिन किसी की असावधानी से मुझे यह संक्रमण हो गया।
19 दिन घर पर चला महामृत्युंजय का जाप
21 मार्च को जब अभिषेक का कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिया गया तो उनकी मां गीता की तबीयत खराब हो गई थी। बेटे की सलामती की चिंता में 21 से ही उनके बक्शी खुर्द दारागंज घर पर महामृत्युंजय का जाप शुरू कर दिया गया जो 5 अप्रैल तक उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने तक चलता रहा। उनके पिता मनोज मिश्र ज्योतिषी हैं। उन्होंने रविवार को दारागंज अपने घर फोनकर जब रिपोर्ट निगेटिव आने की बात बताई तो परिजनों की आंख में आंसू आ गए। अभिषेक को कोरोना होने की सूचना मिलने पर मोहल्ले वाले भी चिंतित हो उठे थे और प्रार्थना कर रहे थे। रविवार को पूरे मोहल्ले ने दिवाली मनाई।